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अफिलिएट मार्केटिंग | Affiliate Marketing

अफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing): अफिलिएट मार्केटिंग ( Affiliate Marketing ), रेफेरल मार्केटिंग ( Referral Marking ) के जैसा...


अफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing):

अफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing), रेफेरल मार्केटिंग (Referral Marking) के जैसा ही एक मार्केटिंग (Marketing) का तरीका है, जिसके माध्यम से किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस (Product or Service) की ऑनलाइन मार्केटिंग (Online Marketing) की जाती है | बेसिकली (Basically) किसी प्रोडक्ट या सर्विस (Product or Service) को ऑनलाइन रेकमेंड (Online Recommend) किया जाता है और अगर उस रेकमेंड (Recommend) किये हुए प्रोडक्ट या 
सर्विस (Product or Service) को कोई व्यक्ति खरीदता है तो उसके बदले रेकमेंड (Recommend) करने वाले को उस प्रोडक्ट या सर्विस (Product or Service) को बेचने वाली कंपनी (Company) से कुछ कमीशन (Commission) मिलता है|

अगर सीधे सब्दो में कहा जाये तो अफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) ऑनलाइन पैसा कमाने (Online Earning) का एक तरीका है जहाँ किसी और के प्रोडक्ट या सर्विस (Product or Service) को ऑनलाइन प्रमोट (Online Promote) करके हर सेल (Sale) पे पैसे कमाया जाता है|

   अफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) का प्रोसेस (Process):

सबसे पहले तो किसी भी अफिलिएट मार्केटिंग प्रोग्राम (Affiliate Marketing Program)  को सुरु करने से पहले उनके बनाये गये प्रोसेस (Process) को फॉलो (Follow) करके अप्लाई (Apply) करना होता है| जब आपका अकाउंट (Account) अप्प्रुवड (Approved) हो जाता है तब आप उस अफिलिएट मार्केटिंग प्रोग्राम (Affiliate Marketing Program) से जुड़ जाते है| ज्वाइन (Join) करने के बाद आप उस प्रोग्राम (Program) से जुड़े सभी प्रोडक्ट या सर्विसेज (Product or Services) को अपने रेफरल लिंक (Referral Link) में कन्वर्ट (Convert) करके उसका अपने वेबसाइट (Website), ब्लॉग (Blog), सोशल मीडिया फैन पेज (Fan Page), यूट्यूब (YouTube) या किस भी अन्य लीगल (Legal) तरीको से प्रमोट कर सकते है| जब भी कोई व्यक्ति आपके रेफरल लिंक (Referral Link) को क्लिक (Click) करके उस प्रोडक्ट या सर्विस (Product or Services) को खरीदता है तो उसके बदले आपको उस अफिलिएट मार्केटिंग प्रोग्राम (Affiliate Marketing Program) में निर्धारित अमाउंट (Amount) के बराबर कमीशन (Mission) के आपको मिल जाते है| आप इस प्रोसेस (Process) को निचे दिए गये इमेज को देख कर भी समझ सकते है

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विकिपीडिया के मुताबिक अफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) में 4 तरह के लोग होते है

  मर्चेंट (Merchant): कोई कंपनी या रिटेलर (Company or Retailer) जो कि अफिलिएट मार्केटिंग प्रोग्राम (Affiliate Marketing Program) को अपने प्रोडक्ट या सर्विसेज (Services) को प्रमोट (Promote) करने के लिए ऑफर करती है|

  नेटवर्क (Network): ये वो होते है जो किसी कंपनी या रिटेलर (Retailer) के बेहाफ (Behalf) पे अफिलिएट मार्केटिंग प्रोग्राम (Affiliate Marketing Program) को ऑफर (Offer) करता है| बस यही नहीं यह कमीशन (Commission) से कमाये गए पैसे को भी मैनेज (Manage) करता है|

  पब्लिशर (Publisher): जो व्यक्ति किसी कंपनी या रिटेलर (Retailer) के प्रोडक्ट या सर्विसेज (Product or Services) को प्रमोट (Promote) करता है उसे ही पब्लिशर या एफिलिएट (Publisher or Affiliate) कहते है|

  कस्टमर (Customer): जो लोग रेफरल लिंक (Referral Link) को क्लिक (Click) करके फाइनली (Finally) उस प्रोडक्ट या सर्विस (Product or Services) को खरीदता है उसे कस्टमर (Customer) कहा जाता है| 

  अफिलिएट मार्केटिंग प्रोग्राम (Affiliate Marketing Program) के प्रोसेस (Process) में कुछ ऐसे टर्म्स (Terms) आते है जिनके बारे में हमें पता होना चाहिए| निचे दिए गए सभी टर्म्स (Terms) इसी से रिलेटेड है

  एफिलिएट (Affiliate): जो व्यक्ति किसी कंपनी या रिटेलर (Company or Retailer) के प्रोडक्ट या सर्विसेज (Product or Services) को प्रमोट (Promote) करता है उसे ही एफिलिएट (Affiliate) कहते है|

  एफिलिएट मार्केटप्लेस (Affiliate Marketplace): एक ऐसा प्लेटफार्म जहा किसी कंपनी या रिटेलर (Company or Retailer) के बीहाफ (Behalf) पे अफिलिएट मार्केटिंग प्रोग्राम (Affiliate Marketing Program) को ऑफर (Offer) किया जाता है, जाहाँ निषेस(Niches)/ किसी खास तरह के प्रोडक्ट या सर्विसेज (Product or Services)  का प्रमोशन (Promotion) करने ऑफर (Offer) दिया जाता है| यही एफिलिएट (Affiliate) द्वारा कमाये गये कमीशन (Commission) के पैसे को भी मैनेज (Manage) किया जाता है|

  एफिलिएट ईडी (Affiliate ID): यह एक यूनिक नंबर (Unique Number) होता है जो एफिलिएट अकाउंट (Affiliate Account) ओपन करने पर मिलता है| इसी आईडी (ID) से एफिलिएट (Affiliate) के सेल्स रिकॉर्ड (Sales Record) को मॉनिटर (Monitor) किया जाता है|

  एफिलिएट लिंक (Affiliate Link): किसी भी प्रोडक्ट या सर्विसेज (Product or Service) को प्रमोट (Promote) करने के लिए पब्लिशर्स (Publisher) एक लिंक प्रोवाइड (Link Provide) करते है जो एफिलिएट (Affiliate) के एफिलिएट आईडी (Affiliate ID) से मिल कर बना होता है| इसी लिंक को क्लिक (Click  on Link) करके जब लोग परचेज (Purchase) करते है तो उस परचेज का कमीशन (Commission on Purchase) एफिलिएट (Affiliate) को मिलता है|

  एफिलिएट सॉफ्टवेर (Affiliate Software): ये वो सॉफ्टवेर (Software) होता है जिसकी मदत से पुरे एफिलिएट प्रोग्राम (Affiliate Program) को क्रिएट (Create) किया जाता है| काफी सारे पब्लिशर्स (Publisher) अपना खुद का सॉफ्टवेर डेवेलोप (Software Develop) करा लेते है और कुछ थर्ड पार्टी सॉफ्टवेर (Third Party Software) का इस्तेमाल करते है|

  एफिलिएट मेनेजर (Affiliate Manager): बहोत से पब्लिशर (Publisher) कुछ एफिलिएट्स  (Affiliates) को अपने सेल्स (Sales) को मैनेज (Manage) करने के लिए रखते है जिससे कि इनका सेल (Sale) बढ जाए| इन्हे ही एफिलिएट मेनेजर (Affiliate Manager) कहते है|

  कमीशन प्रेसेंटेज (Commission Percentage): किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस (Product or Service) के सेल (Sell) पे एफिलिएट (Affiliate) को कुछ न कुछ कमीशन (Commission) मिलता है| यह कमीशन परसेंटेज (Commission Percentage) अलग-अलग प्रोडक्ट या सर्विसेज (Product or Service) के लिए अलग-अलग होता है|

  पेमेंट थ्रेशोल्ड (Payment Threshold): सुरुआत में किसी भी एफिलिएट (Affiliate) को अपना कमीशन (Commission) अकाउंट (Account) में ट्रान्सफर (Transfer) करने से पहले उसे एक मिनिमम कमीशन (Minimum Commission) कमाना जरुरी होता है जसे पेमेंट थ्रेशोल्ड (Payment Threshold) कहते है| यह उस पब्लिशर (Publisher) पे डिपेंड (Depend) करता है कि वह कितना पेमेंट थ्रेशोल्ड (Payment Threshold) रखना चाहता है|

  पेमेंट मोड (Payment Mode): अलग-अलग पब्लिशर्स (Publisher) के पैसे ट्रान्सफर (Transfer) करने के अलग-अलग पेमेंट मोड (Payment Mode) हो सकते है| जैसे कि कुछ पेपाल (PayPal) से ट्रान्सफर (Transfer) करते है तो कुछ लोग चेक (Cheque) से तो कुछ डायरेक्ट अकाउंट ट्रान्सफर ( Direct Account Transfer) करते है|

  टू टीयर एफिलिएट मार्केटिंग (Two Tier Affiliate Marketing): यह कुछ हद तक मल्टी लेवल मार्केटिंग (Multilevel Marketing) की तरह काम करता है| इसमे अगर आप किसी को एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) ज्वाइन (Join) करने के लिए रेकोमेंड (Recommend) करते है तो उसके सेल (Sale) के बराबर या उस सेल (Sale) का कुछ परसेंटेज कमीशन (Percentage Commission) आपको भी मिलता है| टू टीयर एफिलिएट मार्केटिंग (Two Tier Affiliate Marketing) में कमीशन (Commission) केवल दो लेवल (Level) तक ही मिलता है|यह एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) से ज्यादा पैसे कमाने का बहोत ही अच्छा तरीका है|

  कस्टम कूपन (Custom Coupon): बहोत सरे पब्लिशर्स (Publisher) एफिलिएट्स (Affiliate) को कस्टम डिस्काउंट कूपन (Custom Discount Coupon) क्रिएट (Create) करने का ऑप्शन (Option) देती है जिससे कि उनका सेल (Sale) बढ सके|

  कस्टम एफिलिएट इनकम (Custom Affiliate Income): कुछ पब्लिशर्स (Publishers) अपने टॉप परफोर्मिंग एफिलिएट्स (Top Performing Affiliate) को रेगुलर कमीशन (Regular Commission) से अलग कमीशन (Commission) देते है जिसे कस्टम एफिलिएट इनकम (Custom Affiliate Income) कहते है|

मैं आशा करता हूँ कि आपको एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) से जुडी प्राइमरी या बेसिक जानकारी आपको अच्छे से समझ आया होगा| आगे आने वाले ब्लॉग या आर्टिकल में एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) से रिलेटेड और भी नयी और बेहतरीन जानकारिय दी जाएगी| अगर इस आर्टिकल के बारे में कोई सुझाव है या कुछ और जाकारी चाहिए तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते है|

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